tag:blogger.com,1999:blog-7137980382988188907.post1700425166964258197..comments2023-10-14T15:19:16.201+05:30Comments on भंगार By Ram Lakhan Mishra : ९१ कोजी होमभंगारhttp://www.blogger.com/profile/01062901182631604569noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7137980382988188907.post-41093258859866512532009-11-13T20:20:41.595+05:302009-11-13T20:20:41.595+05:30किन अल्फ़ाजों में आपका शुक्रिया अदा करें।
बमुश्किल ...किन अल्फ़ाजों में आपका शुक्रिया अदा करें।<br />बमुश्किल १३ साल के रहे होंगे जब टीवी पर इस सीरियल को देखा था और तभी जगजीत सिंह जी की गायकी और गालिब के अशार दिल में बैठ गये थे। बहुत से शब्दों का तो अर्थ भी पता नहीं था लेकिन अदायगी के भाव से ही अंदाजा लगाते थे।<br /><br />आज मेरे पास मिर्जा गालिब टी वी सीरियल का डीवीडी सेट है और इसे कितनी भी बार देख लो मन नहीं भरता।<br /><br />आपको हमारा नमन...Neeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7137980382988188907.post-36094651443810196722009-11-13T17:17:47.245+05:302009-11-13T17:17:47.245+05:30रंग जमने लगा हैरंग जमने लगा हैअजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7137980382988188907.post-52510898887613154772009-11-13T15:36:25.510+05:302009-11-13T15:36:25.510+05:30आज तसल्ली हुई ये दास्ताँ पढ़ कर...थोडी लम्बी लिखी ...आज तसल्ली हुई ये दास्ताँ पढ़ कर...थोडी लम्बी लिखी है ना आपने...अच्छा लगा...मिर्जा ग़ालिब उस वक्त से लेकर आज तक मेरे बहुत पसंदीदा सीरियल में से है...उसकी डी.वी.डी. आज भी फुर्सत मिलने पर देखता हूँ...ग़ालिब के जूतों से निकली चरमराहट की आवाज़ का तो मैं दीवाना था...वो कैसे निकली गयी थी? आज का आपका ये एपिसोड न्बहुत दिलकश लगा ऐसे ही लिखते रहें...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.com