बुधवार, जून 24, 2009

मुराद

वहाँ सभी की मुराद पुरी होती है ,
मैं भी इसी लालच बस गया वहाँ ,
मन्दिर में गणेश जी के सामने खडा ,
फूल माला चढा कर प्रणाम किया ,
फ़िर .....जैसा लोग कहते हैं कुछ मांगो ,
भगवान पूरा करेंगे ..........
बेटे की शादी हो गई ,एक सुंदर बहु आई ,
जो मेरे बेटे को बहुत सुंदर लगती थी ,
पर मैं जानता हूँ ,उसकी मां से ज्यादा सुंदर नही थी ,
बहु का रोब ,बेटे पर चढ़ने लगा ,
तोते की तरह बीबी की बोली बोलने लगा ,
मैं फ़िर मन्दिर जा पहुँचा ,
प्रसाद में एक फूल ले कर गया ,
लगा गणेश जी की प्रतिमा को ध्यान से देखने ,
गुस्से से मेरी आखें लाल थी ,
गणेश जी ने आखें बंद कर ली थी ,
पुजारी को बुलाया और कहा ,
गणेश जी की आखें खुलवाओ ,
.......मन्दिर में हाहाकार मच गया ,
गणेशजी की आखें बंद है ,और लगातार आसूं बह रहा है ,
लोगों ताँता लग गया ,
मैं खुशी -खुशी घर जा रहा था ,
आज मैंने भगवान को रुला दिया ...........

1 टिप्पणी:

Udan Tashtari ने कहा…

ये क्या कर आये आप?