मंगलवार, जून 23, 2009

उनकी कहानी

उनकी पलकों पे ,
इक ओश की बूंद टिकी थी ,
जिसमे सिमटा था ,उनका उदास मन ,
खोए हुए चेहरे पे ,
एक कहानी लिखी थी ,
जो पढना -बडा मुश्किल था ,
उनको भी पता नही ,यह किसकी कहानी है ,
किसने कब उनके मन पे लिख दी थी ,
बस वो जिए जा रही थी ,
इस आश में जाने कब यह प्यास बुझे गी ..........,

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