सोमवार, जनवरी 11, 2010

९१ कोजी होम

भाई के बारे में जितना लिखो उतना ही कम लगता है .....हम सभी सहायक उनको भाई कह

के बुलाते है । आज भी हम गुलज़ार साहब को भाई कहते है .....आप जब भी गुलज़ार साहब से मिलेंगे

आप उन्हें हमेशा जागा हुआ पायेंगे ....आप को बहुत ध्यान से सुनेगें ......पर आप को यह पता नहीं

चलेगा वो रात भर सोये नहीं हैं .....यह एक दिन की बात नहीं है,रोज का यही हाल है ।

बहुत पहले करीब सन८० की बात है .....गुलज़ार साहब के बहुत अज़ीजदोस्त

भूषण जी ने अपनी किताब में लिखा था .....गुलज़ार साहब कभी नहीं सोते हैं ......बात मेरी समझ में

नहीं आयी .....मैं चुप रहा उस वक्त ....मेरी समझ में सच नहीं लग रहा था ....... ।


कुछ सालों के बाद ,मैं गुलज़ार साहब के साथ बाई रोड बेंगलोर जा रहा था

रास्ते में रात बिताने के लिए एक होटल में रुके , एक कमरा लिया ...उससे लगा एक और रूम था जिसमें

मैं सोया ....रात में करीब तीन बजे मेरी आँख खुली ...पानी पीने के लिए उठा ,तभी बगल वाले कमरे से

से आवाज आयी ....रामलाल(इसी नाम से बुलाते हैं ) मुझे भी पानी पिला देना .....यह तो गुलज़ार साहब की आवाज थी ....मैं पानी ले कर गया .......उनकों पानी दिया ....उनकीं आँखें ....से ........

ऐसा महसूस हुआ जैसे गुलज़ार साहब अभी तक सोये ही नहीं हैं ......


यही हाल रहा जब तक हम लोग बंगलौर में रहे ......करीब दस दिन का यह टूरथा

फिर भूषण जी की कही बात सच लगने लगी .......गुलज़ार साहब कभी सोते नहीं हैं ........

कब सोते हैं इसका जवाब मेरे पास नहीं है .....

और न ही मैंने कभी जानने की कोशिश की ......वैसे यह बहुत राज की बात है

2 टिप्‍पणियां:

अजय कुमार ने कहा…

कब सोते हैं इसका जवाब मेरे पास नहीं है .....

और न ही मैंने कभी जानने की कोशिश की ......वैसे यह बहुत राज की बात है

यानि की आपको पता है ,बतयेंगे नही-----

नीरज गोस्वामी ने कहा…

कमाल के इंसान हैं गुलज़ार साहब...न खुद सोते हैं और न अपने चाहने वाले को सोने देते हैं...उनका लिखा पढ़ कर नींद पास फटकती ही नहीं...बहुत आभार आप का उनकी इस बात से परिचय करवाने पर...दिलचस्प पोस्ट...
नीरज