शुक्रवार, अप्रैल 23, 2010

नानू

नानू मेरा नवासा है

अभी वो तीन महीने सत्रह दिन का

मुझे खूब पहचानता ...

देखते ही मुस्कराने लगता ॥

रंग रूप मेरी बेटी पे गया ...

गुलज़ार साहब के साथ फोटो भी खिचवाया ॥

उनकी गोदी में खेला ॥

कवितायें जरुर लिखेगा

मेरा घर ....सूना हो जाएगा ...

जब वो अपने घर जाएगा ...