नानू मेरा नवासा है
अभी वो तीन महीने सत्रह दिन का
मुझे खूब पहचानता ...
देखते ही मुस्कराने लगता ॥
रंग रूप मेरी बेटी पे गया ...
गुलज़ार साहब के साथ फोटो भी खिचवाया ॥
उनकी गोदी में खेला ॥
कवितायें जरुर लिखेगा
मेरा घर ....सूना हो जाएगा ...
जब वो अपने घर जाएगा ...
1 टिप्पणी:
aah ...bilkul likhega kavitayen....:)
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