जादूगर था वह ,खुद भी कहता
एक पल में किसी को भी फ़ांस सकता
फ़साना मेरी आदत थी ,आज तक जो है
मुझे लोग कई नामों से बुलाते
असली नाम मैं भी भूल चुका हूँ
इसी नाम को पहचानता हूँ मैं भी
जो बुलाते हैं लोग ,कोई कहता नटवर
कोई कान्हा कहता ,चुरा लेता हूँ पल भर में किसी का दिल
ढेरो राधा हैं मेरी जिंदगी में ,साल में किसी एक का नंबर आता
वह राधा नहीं थी ,वह रुक्मणी थी
वह मेरी बदमाशिओं को जानती थी
कभी लगता जलते दिल को हवा देती है वह
एक बार मेरा खेल उसने खुद -बा -खुद देख लिया
अंदर एक डर ज्वार आने लगा ,
उसने मेरा साथ दिया वह जानती थी
घर इसी काम से ही चलता है
एक पल में किसी को भी फ़ांस सकता
फ़साना मेरी आदत थी ,आज तक जो है
मुझे लोग कई नामों से बुलाते
असली नाम मैं भी भूल चुका हूँ
इसी नाम को पहचानता हूँ मैं भी
जो बुलाते हैं लोग ,कोई कहता नटवर
कोई कान्हा कहता ,चुरा लेता हूँ पल भर में किसी का दिल
ढेरो राधा हैं मेरी जिंदगी में ,साल में किसी एक का नंबर आता
वह राधा नहीं थी ,वह रुक्मणी थी
वह मेरी बदमाशिओं को जानती थी
कभी लगता जलते दिल को हवा देती है वह
एक बार मेरा खेल उसने खुद -बा -खुद देख लिया
अंदर एक डर ज्वार आने लगा ,
उसने मेरा साथ दिया वह जानती थी
घर इसी काम से ही चलता है
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