गुरुवार, सितंबर 15, 2016

कुछ साल पहले कि बात है ,मैं इस कम्पयूटर से पहले मैं जुड़
नहीं पा रहा था ।अब तो यह आलम हैकि इसके वगैर कुछ सोच ही नहीं पाते हैं ।
 
    एक समय की बात है कि मैं अपने गाँव जा  रहा था ।शाम से रात होने में कुछ समय ही बाकी था,गोधुली का वक़्त था । रास्ते में आवाजही  कम थी ,मैं बहुत तेजी से चला जा रहा था
इसी सोच में जल्द से अपने गाँव पहुँच जाऊँ इसी उधेड़-बुन में भागा जा रहा था तभी किसी ने मुझे आवाज दे कर बुलाया ।उधर देखा तो एक बूढ़ा आदमी ,मुझे बहुत ध्यान से देखें जा
रहा था । पहले मैं डर गया,फिर हिम्मत कर के पूछ लिया कि मुझे क्यों घूरकर के देख रहे हो ? 

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