भंगार By Ram Lakhan Mishra
बुधवार, मई 13, 2009
खालीपन
दिन भर खाली बैठा
पीछे मुँड के अपने अतीत को देखता रहा
कई जन्मो की सजाएं भोग चुका हूँ
माता -पिता अन्तिम संस्कार कर चुका हूँ
अब क्यूँ बेचैन सा हो जाता हूँ
उनको याद कर के
आखें भीग जाती हैं
अब कुछ ग़लत करने से डरता हूँ
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें