चयन किया ,बडे शौक से कहानी मेरी निर्माता ने ,
फ़िल्म , बडी सफल बनाएगा .........
लिखा था इसे मैंने , सोलह साल की उम्र में ,
एक ही कहानी लिखी ,अपनी जिन्दगी में ,
यही बनी मेरी पहचान .........
बैंक की नौकरी ,घर का किचन चलाती है ,
बच्चों की पढाई और पत्नी की मागें पूरी करती है ,
इन तीन पन्नो की कहानी को ,मुकुट बना कर ,
सर पे पगडी की तरह बांधे फिरता हूँ ,
अपने आप को आज का लेखक कहता मैं हूँ
आज उसी कहानी पे ,फ़िल्म बन कर ,
घर घर दिखाई जाने वाली है ,
मैं भी टी.वी से मुंह जोड़ कर बैठ गया
इंतज़ार करने लगा आठ बजने का ,
इसी समय पर टेलीकास्ट होने वाली थी ,
सुबह लेखक पकडा गया ,उस पर अपने माँ -बाबा का ,
खून करने का इल्जाम था .....................
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