सोमवार, जून 08, 2009

सच्ची कहानी

चयन किया ,बडे शौक से कहानी मेरी निर्माता ने ,

फ़िल्म , बडी सफल बनाएगा .........

लिखा था इसे मैंने , सोलह साल की उम्र में ,

एक ही कहानी लिखी ,अपनी जिन्दगी में ,

यही बनी मेरी पहचान .........

बैंक की नौकरी ,घर का किचन चलाती है ,

बच्चों की पढाई और पत्नी की मागें पूरी करती है ,

इन तीन पन्नो की कहानी को ,मुकुट बना कर ,

सर पे पगडी की तरह बांधे फिरता हूँ ,

अपने आप को आज का लेखक कहता मैं हूँ

आज उसी कहानी पे ,फ़िल्म बन कर ,

घर घर दिखाई जाने वाली है ,

मैं भी टी.वी से मुंह जोड़ कर बैठ गया
इंतज़ार करने लगा आठ बजने का ,

इसी समय पर टेलीकास्ट होने वाली थी ,

सुबह लेखक पकडा गया ,उस पर अपने माँ -बाबा का ,

खून करने का इल्जाम था .....................

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