गुरुवार, जून 25, 2009

कहानी एक लड़की की

नाटक करता है ,जब वो सामने होता है ,
ऐसा अपने को दिखाता है ,
जैसे उसको आम और अमरुद मे फर्क नही मालुम ,
अक्सर वो फिल्मी गीत गुनगुनाता है ,
सेक्सी औरतों की फोटो देखता है ,
सुना है , नेट पे गन्दी फिल्में देखता है ,
सुना हुआ सच अक्सर ,झूंठ होता है ,
कल मेरी शादी पक्की हो गई ,
लड़के वाले मुझे देखने आए ......
वो लड़का नही था ,जो मुझे अक्सर ,
बस स्टाप पे मिलता था .......
यह वो था -जो मुझे कालेज के जमाने में छेड़ा करता था ...

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