गुरुवार, जून 25, 2009

बूढा भिखारी

अक्सर वो बूढा अँधा भिखारी ,
मुझे चौक पे मिलता है ,
आदतन मैं उसे एक रूपया देता हूँ ,
और ढेर सारा अशिर्बाद पाता हूँ ,
अंधे की जवान लडकी से ,
मेरी अच्छी पहचान हो गई ,
मुझे दूर से आता देख कर ,
अपने बाबा के कानो में कुछ कहती है ,
तब बाबा का चेहरा खिल जाता है ,
उसके सफ़ेद बाल और दाढ़ी चमकने लगता है
एक दिन , जब मैंने बूढे अंधे के हाथ में ,
एक रूपया रखा ही था ,उस बूढे ने ,
मेरे हाथ को पकड़ लिया ,मैं डर गया ....
बेटा आप सरकारी आफिसर हैं ...?
लिंक रोड के सिग्नल पे ,मेरी बेटी को ,
जगह दिलवा दे ,आप का बड़ा भला होगा ,
...........सोच कर पूछा ...तुम्हारी बेटी कहाँ है ?
एक पल को उसकी आखें खुल गयी ......,
कुछ सोच .....
मुझे छोड़ के --- अपने अंधे पति को ,
उसी सिग्नल पे छोड़ने गयी है ........

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