अब मटकी का दूध नहीं मिलता ,
चुल्हे में , सेंकी रोटी खाने को नही मिलती ,कडाही में पक्की शब्जी नही मिलती ,
सब कुछ इतना बदल गया है ,
अब अपनी पहचान भी नही मिलती ,
बच्चों को अपने दादा का नाम मालूम नही ,
दिखता है कुछ वर्षों में ,
बच्चे अपने पिता का नाम भूल जायेगें ,
पहचान उनकी ,अपने आप से होगी ,
पहचान की एक उमर होगी ,
उम्र खत्म होते ही ,
इन्सान का इस संसार से ,नामोनिसः ख़त्म हो जाएगा
1 टिप्पणी:
itne niras na ho aisa sabhi ke saath nahi hota
yaad rakhne wale bhut kuch yaad rakhte hai
एक टिप्पणी भेजें