मंगलवार, जुलाई 07, 2009

पत्थर का दिल

मुझे अपने सात जन्मों की कहानी याद है ,
हर जन्म में एक ही लडकी से प्यार करता हूँ ,
पर वो शादी किसी और से करती ,
हर जन्म में जब मिलती ..........,
हर बार अपने पति बदल लेती ,
पर मेरी पत्नी नही बदली ,वो वही रहती ,
शादी से पहले --उस लडकी से इश्क रहता ,
यह मेरा आखरी जन्म था ,
इस पृथ्बी पे ........एक आखरी इच्छा ,
मैंने सब कुछ सच सच अपनी पत्नी से बता दिया ,
अपने इश्क को ज़ाहिर कर दिया उसको ,
उसकी आखें भर आयी ,
मैंने उसे चुप कराया ,

रात का दूसरा पहर बीत रहा था ,
आचानक मेरी आँख खुली ,
मेरे बगल वो लडकी सो रही थी
मैं डर के बिस्तर से उठ बैठा ,
लगा अपनी पत्नी को खोजने ,
........बरांडे में ,आराम कुर्सी पे बैठी -- वो ,
चांदनी में नहा रही थी .........,
पहली बार मुझे अपने दोगले इश्क से नफरत हो गयी ,

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