सोमवार, जुलाई 27, 2009

पानी

सारे ताल भर -भर के बेताले हो गए ,
पानी की कमी का जो डर था ,
बम्बई छोड़ने की बात चल रही थी ,
वो सब भाग गई ,सूखे की जगहों से पक्छी,
उड़ कर मोडक झील पर आ लटके ,
वहीं डेरा बना लिया ,
उड़ कर बम्बई की सड़कों पर दाना -पानी खोजें ,
बड़े बड़े होटलों का जूठन खरीद के ,
अपना ढाबा चलाते ,इसी को फ़ूड का ,
रिसाइकिल कहतें हैं .......,
इस व्योपार में बहुत फायदा है ,
सूना है गाँव में बहुत सी जमीन खरीद ली ,
फ़िर उन पर गाज गिरी --- उन्हें भगाया जा रहा है ,
अपने ही देश में अजनबी बन गए ...........,

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