नमकीन फ़िल्म की शूटिंग , हम लोग कुल्लू -मनाली में कर रहे थे ।
सन ७९ का सितम्बर का महिना था ,वहाँ के बगीचों में खूब सेब लगे थे ।
मणिकर्ण जगह का नाम था ,यहाँ एक खुबसूरत गुर्द्वरा है । यहीं पास की
पहाडियों पे ,शबाना जी पे एक गाना था । शबाना जी एक गूंगी लडकी का
किरदार कर रहीं थी ,और उनकी सोच का गाना था ।
फ़िर से अइयो बादरा बिदेसी
तेरे पंखों पे मोती जड़उंगी
भर के जइयो हमारी तलैया
मैं तलैया के किनारे मिलूंगी
तुझे मेरे काले कमली वाले की सों
फ़िर से अइयो बदरा बिदेसी
चार बजे तक ,गाने की शूटिंग पूरी हुई ,हम सभी सहायक पास के बगीचे में
पहुंचे ,पूरा बगीचा सेबों से भरा हुआ था ,जमीन पर फैला हुआ था ,हम लोग
की समझ में कुछ नही आया ,फ़िर बगीचे के मालिक ने बताया ,शहर तक ले
जाने की असुभिधा है । हम लोगों ने कुछ खाया ,वहाँ के आदमी ने बताया
ज्यादा मत खाना , वरना पेट खराब हो जाएगा ,डर के मारे हम लोग वहाँ से
निकल गये । गुरद्वारे me हम सभी पहुंचे ,गर्म पानी के झरनों में नहाया ,प्रसाद
छका और शाम तक अपने होटल पहुंचे ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें