बुधवार, सितंबर 23, 2009

९१ कोजी होम

मीरा के सेट पे जो ग़लती मुझ से हुई थी ,उस सीन के कुछ शाट ,
लिया जा चुका था । अब उन्ही शाट को दुबारा लेना ....? कुछ
समझ में नहीं आ रहा था ,मैंने चंदू से कहा ....वह भी डर गया ,
कहा उसने तुम ख़ुद ही गुलज़ार साहब से कहो ,मैं गुलज़ार साहब के
पास पहुंचा और उनके पास में जा कर खडा हो गया । उन्होंने मेरी
तरफ़ देखा ........,मैंने कहा सर मुझ से एक गलती हो गयी .....मैंने
विनोद जी को माला देना भूल गया ........आप दो शाट ले चुकें हैं .....
वगैर माला के बस उन्होंने मेरी तरफ देखा और कहा ठीक है ,दादा से
कहो उसी शाट की लाईटिंग फ़िर से कर ले ........वो शाट फ़िर से लिए
गए ........... । गलती करने पर गुलज़ार साहब कुछ नही कहते ऎसी
बात नही ......गुस्सा करते हैं ........इसी सेट पे एक और घटना हुई थी
रात के आठ बजे थे ,मैं हेमा जी को सीन देने के लिए सेट से बाहर आया
तभी एक टैक्सी आ कर खडी हुई और उस में से धरम जी निकले मुझे
पहचानते थे ,मुझ से कहा टैक्सी का बिल दिला दो और फी पूछा हेमा जी
कहाँ हैं ? मैंने मेकप रूम बता दिया । फ़िर टैक्सी वाले से पूछा "कहाँ से
धर्म जी को लाये हो , उसने आर .के .स्टूडियो से ..... ।

मैं हेमा जी के पास गया ,धर्म जी को बताया टैक्सी वाले को पैसे
दे दिया ....धर्म जी ख़ुद ही बोल पडे ,वो डायरेक्टर छोड़ ही नही रहा था ,
मैंने बाथ रूम जाने का बहाना बताया और अपनी कार वहीँ छोड़ी और टैक्सी
की यहाँ भाग आया ,उनका पागल पण समझ आया ....कितना प्यार करते
थे हेमा जी से ............ ।

2 टिप्‍पणियां:

नीरज गोस्वामी ने कहा…

प्यार करते थे वो बात तो ठीक है लेकिन टैक्सी का बिल खुद क्यूँ नहीं दे सकते थे धरम जी ये समझ नहीं आया...
नीरज

ajai ने कहा…

प्यार में तो लोग बहुत कुछ भूल जाते हैं
अगर पर्स भूल गए तो क्या हुआ ! बहुतों का
प्यार आपने देखा होगा , औरों के बारें में
भी बताएं