मंगलवार, सितंबर 22, 2009

९१ कोजी होम

मैं एक महीना लखनऊ में रह कर वापस मुम्बई गया ,


मीरा फ़िल्म की शूटिंग चल रही थी हमारे सहयोगी समझे


थे ,शायद मैं वापस ना आउँ


मैं अपने काम पर लग गया ,यन.चन्द्रा मुख्य सहायक


थे मुझमें और उनमें अच्छी दोस्ती थी ,फ़िर उन्होंने जीतनी


शूटिंग हो चुकी थी मीरा फ़िल्म की वह बताया ,और निर्माता प्रेम जी


से मेरी एक महीने की मेरी सैलरी भी ले ली थी


गुलज़ार साहब से मिला ,उन्होंने घर का हाल - चाल पूछा


माँ कैसी हैं ? बताया मैंने छोटे भाई को रेलवे में पिता जी जगह


उसको नौकरी मिल जायेगी


मेरे दोस्त बसंत शुक्ल ने ,बडे भाई का फ़र्ज़ अदा किया मेरी


शादी दौड़ -भाग कर तै किया ,भाई की नौकरी ,लगवा दिया


मेरी शादी हुई --जिसे मेरे पिता पसंद कर गये थे ,उनकी


आखरी यही इच्छा थी ,जिसे मैंने महीने ,, तीन मार्च सन७८ में


पूरा किया


मीरा फ़िल्म का सेट फिल्मिस्तान स्टूडियो में फ्लोर नंबर


तीन पर लगा था शूटिंग का पहला दिन था ,सेट पर हेमाजी और


बिनोद खन्ना जी थे ,इसी सेट पर मुझसे एक गलती हो गयी


मैं फ़िल्म में ड्रेस की कैनटीनुउटी देखता था ,जिस सीन को हम फिल्मा


रहे थे उसका आधा सीन कुछ महीने पहले कर को थे ,आधा सीन आज


कर रहे थे ,मैंने गलती से विनोद ji




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