शुक्रवार, दिसंबर 04, 2009

९१ कोजी होम

हम लोग क्लाइमेक्स की शूटिंग कर रहे थे , मोटर साइकिल की चेज थी ,जिसमें हीरो भाग रहा है ।
उसके पीछे प्रेम चोपड़ा के गुंडे उसको पकड़ना चाहते हैं .....इस चेज को शूट करने के लिए चार दिन लग गया । इस चेज को शूट करने के लिए ,हमें अलग -अलग लोकेशन पे जाना था । जिसमें पहला लोकेशन था
नागोया शहर के पास समुन्द्र पे बने पुल पे था ....... । जब हम लोग ,पहुंचे वहाँ......पुल को देख कर मेरी आँखे खुली की खुली रह गयी ...इतना लम्बा पुल ,जिसको एक सिरे से देखो तो दुसरा किनारा ठीक नजर ही नहीं आता ,कार आती हुई नजर नहीं आती ...पुल इतना चौड़ा की चार -चार कारे एक साथ दौड़ सके ......हमारे पास इज्जाजत थी इस पुल पे शूट करने की...एक कैमरा कार पर लगाया ......हमारे पास छे चालक और थे मोटर साईकिल चलाने वाले ....जिनकों बदमाशों का गेटअप .....दिया था यह सारे लोग जापानी थे मेरे सहायक ने उन्हें समझा दिया .....हीरो हमारा जिद्द कर करने लगा ...वह अपना सीन ख़ुद करना चाहता है ......मुझे डर लगा कहीं यह गिर गया तो मुसीबत हो जाएगी ....आगे की शूटिंग पे असर
पड़े गा ......मैंने उसकी जिद्द को नहीं माना ......और सीन शूट होना शुरू हुआ ....शूटिंग के दौरान एक जापानी औरत को देखा जो हमारे यूनिट के साथ ही आयी थी ......बाद में पता चला .....हम सब लोग जहाँ रहते थे ,वहीं पास के बंगले में रहती थी ......इस पुल की एक खासियत थी .....वह हिलता रहता था
जब हम लोग पुल के बीचो -बीच.....पहुंचे तो देखा बड़े -बड़े सिप इस पुल के नीचे से जा रहे थे ....इतने बड़े पानी के जहाज .....जिन्हें मैं पहली बार इतने करीब से देख रहा था .....और हवा इतनी तेज... की ...लगे जैसे अभी उड़ जाएगें .....दो घंटो में शूटिंग ख़तम हुई ....और हम दूसरे लोकेशन की तरफ़ चल दिए ...मेरी गाड़ी, मेरा सहायक जापानी ही चला रहा था ...जबान उसे मालूम थी ....रास्ते उसे मालूम थे .......
रास्ते में उस जापानी सहायक ने मुझ से कहा ....सर कोई आप से मिलना चाहता है?
मैंने उसकी तरफ़ देखा ,कौन है .....? वह कुछ बोलता ...इससे पहले उसका मोबाइल बोल पड़ा ......
उसने जापानी भाषा में बात की ....जो मेरी समझ में बिल्कुल नहीं आ रहा था ....और वह फोन पे बात करता रहा और हंसता रहा .......
अब हमें जहाँ शूटिंग करनी थी ....वह होंडा शहर की गलियां थी ....यहीं पर एक पुराने जापानी बंगले को ...प्रेम चोपड़ा का बँगला बताया था ....जहाँ से हमारा हीरो बंगले से बाहर आता है ,और प्रेम के गैंग के लोग पीछे लग जाते हैं .....फाईट मास्टर को मैंने समझा दिया सीन और वह कैमरा मैन.......के साथ काम करने लग गया .....मैंबंगले के अंदर कुर्सी पे बैठ गया और इस्क्रिप्ट देखने लगा
सीन आगे कैसे प्रोसीड करता है ...मैं कुछ थका हुआ था बैठे -बैठे आँख लगने लगी ...तभी लगा मेरे कंधो को कोई दबा रहा है ....अच्छा लग रहा था ...हाथ बहुत नर्म थे ...मुझे लगा किसी लडकी के हाथ हैं ...पर मुझे यकीन था यह जापानी सहायक होगा ....मैंने उसके हाथों को छू कर देखा ...बहुत साफ्ट और अंगुलियाँ लम्बी ...अब मुझे समझते देर नहीं लगा ..मै खड़ा हो गया ....एक खूबसूरत जापानी लडकी ..करीब बीस साल की ....अंग्रेजीमें हेलो कहा उसने ...फ़िर उसने अपना नाम बताया ...फ़िर उसने कहा
मैं कजन हूँ सातो की ......सातो मेरा सहायक था .....मैं समझ गया ,....सातो ने कुछ दिन पहले इस लडकी के बारे में बताया था ...पास रखी कुर्सी पे बैठने को कहा .....वह मझसे बात भी करती जा रही थी
और मेरे हाथ के पंजों को पकड के दबाती रही ....मुझे कुछ वो अपनी सी लगी ....वजह मेरे सहायक की
कजन थी ...मैं उसके बारे में पूछता रहा ...वह मुझे अंग्रेजी में जवाब देती रही ......वह बहुत सुंदर थी ....
पहली बार किसी जापानी लडकी के हाथों का स्पर्श जाना .......सच कहता हूँ मुझे कहीं भी ऐसी......भावना नहीं आयी ...बस एक खूबसूरत एहसास था ...जो मै आज तक नहीं भूला... आज करीब बीस
बर्ष हो रहे हैं .....पर आज तक वैसे......ही किताबों में पड़े फूल की तरह है .....बहुत सालों तक इसके ख़त मुझ तक आते रहे ....उसकी शादी का कार्ड भी आया था ......

आज भी याद कर के फ़िर जी भर आया ....अब मुझे नहीं मालूम कहाँ है ?सातो से भी एक रिश्ता था ...उसकी मौत के बाद ख़तम हो गया ......वैसे अब फ़िर एक बार जी करता है ......एक बार ...बस एक बार ......जापान को दुबारा देखूं .....

आप को लगता होगा मैं हमेशा .....अधूरी बात कर के जाता हूँ .....सच कहूँ ...मैं कहानी तो लिख नहीं रहा हूँ ....जो कुछ घटा ....वही बयान कर रहा हूँ कुछ रिश्ते अधूरे ही रहते हैं ..बस एक फूल की तरह महकते रहते है ......

2 टिप्‍पणियां:

Arshia Ali ने कहा…

सच कहा आपने, कुछ रिश्ते अधूरे रहते ही नहीं उन्हें अधूरे छोड देना ही बेहतर होता है।

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सांसद/विधायक की बात की तनख्वाह लेते हैं?
अंधविश्वास से जूझे बिना नारीवाद कैसे सफल होगा ?

अजय कुमार ने कहा…

जो रिश्ता आपके एहसासों को महका रहा है, वो अधूरा कैसे हुआ, बस आप पूरा----लिखते