गुलज़ार साहब को गुस्सा क्यों आता है ?
गुस्सा तो हर किसी को आता है ,पर गुलज़ार साहब झूठ बोलने पे गुस्सा
करते हैं । झूठ बोल के भी कभी झूठ मत बोलना उनके सामने , वरना वह हो जाएगा जो
कभी नहीं हुआ । आप घबरा गये होंगे ....सिर्फ आप से बात करना कम कर देंगे ...
किताब मांग कर वापस न देना ,इस बात पर भी बहुत गुस्सा करते हैं ,
हाँ ... मन से दे दें , उसकी बात अलग है । समय दे कर .....समय पे न पहुंचना .और कोई
झूठा बहाना बता देना ....भूल कर ऐसा मत करना ....
झूठी वाह -वाही करने पे गुस्सा आ जाता है ....वह जान जाते आप का क्या मकसद
है उनसे , आप यह समझ लीजिये आप ने अपने पैरों पे खुद ही कुलाहाड़ी मार ली ...
किसी बड़ी, सक्सियत की बुराई मत करना ..औरतों केबारे में बुरा -भला मत कहना
वरना गुस्से की मार खानी पड़ेगी ॥
यह सब मेरी अपनी ..खोज है ..... ।
उनके परिवार के बारे में कभी बात मत करना ....खाने की प्लेट में कभी कुछ छोड़ना नहीं
गांधी परिवार के बारे में कुछ गलत मत बोलना ...
काम भर की बात करो ,और निकल लो ....
उधार कुछ मत मांगना ......
खुश होंगे तो कुछ भी दे देगें ....
1 टिप्पणी:
शुक्रिया. आपके द्वारा गुलज़ार साहब के बारे में बहुत जानकारी मिली
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