गुलज़ार साहब की कुछ आदतें बहुत अच्छी हैं
सुबह पांच बजे उठ जाना ,और खेल के मैदान में जाना
और सात बजे तक टेनिस खेलना ,घर लौट कर सुबह का
अखबार देखना ,और साथ –साथ वगैर चीनी दूध की चाय पीना
आठ बजे से नौ बजे तक नहाना धोना ,कुछ दवाईओं के साथ एक
गिलास ठंडा दूध पीना ......और ११ बजे आफिस में जा कर बैठना
कुट्टी साहब से उस दिन की मीटिंग के बारे में बात चीत करना
और किसके के लिए क्या करना है और कौन मिलने आ रहा है
इन सब बातों का पूरा ख्याल रखना ...कोई लेट होरहा है दिए हुए
वक्त से ....कुट्टी साहब को कहना मना कर दो उसे अगली मीटिंग तै कर ले
अब दो तीन बजे कुछ हल्का फुल्का खाना ......
पांच बजे ....कुटी साहब से बात कर के उपर चले जाते ...उनके बंगले में
नीचे आफिस है और उपर रहते हैं ......पांच बजे के बाद वही लोग मिलते हैं जो उनके
खाश लोग होते हैं ......
नौ बजे करीब भोजन करना ,और फिर दस बजे तक टी .वी देखते –देखते सो जाना
1 टिप्पणी:
हर इंसान में सिर्फ अच्छाईयाँ ही हों ये मुमकिन नहीं...आप उनके सभी पक्षों पर लिखिए...ये सब बातें तो अख़बारों रिसालों में लिखी मिल ही जाती हैं...कोई ऐसे किस्से जिसे आप जानते हों और वो किस्से प्रेरक भी हों...
नीरज
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