फिर मुझ से बात करने लगे वो
वगैर बात के झगडा करते वो
ताने कसते मेरे पिता को
नहीं सिखाया माँ ने मुझे कुछ
ना ही धन दिया तुम्हारे पिता ने
इस महंगाई में खुद क़ा पेट पालना मुश्किल
बीवी मिल गयी तो ...महंगाई और बढ़ गयी
रात का आखरी पहर था
नींद आँखों से उड़ चुकी थी
मुझे जीने क़ा एक रास्ता मिला
मैंने एक प्याज व्यापारी से निकाह कर लिया
2 टिप्पणियां:
कुछ गुलज़ार साहब और पंचम डा के रिश्ते के बारे में भी बताएं
A wise decision indeed.
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