गुरुवार, अगस्त 04, 2011

यादें

आज किशोर दा का जन्म दिन है ,हर कोई उन्हें याद कर रहा है
एक घटना मुझे भी याद है ......दादा महबूब स्टूडियो में .......किसी
फिल्म की रेकॉर्डिंग कर रहे थे ............
मैं गुलज़ार साहब क़ा सहायक था .............कुछ लडकियां गुलज़ार
साहब से मिलने आयीं थी ......मुझे गुलज़ार साहब ने बुलाया और
कहा किशोर दा की रेकॉर्डिंग चल रही है महबूब स्टूडियो में इन लड़किओं
को ले के जाओ और रेकॉर्डिंग दिखला दो .............
वह दो लडकियाँ थी .......महबूब स्टूडियो पहुंचा किशोर दा आ चुके थे
दादा रिहर्शल कर रहे थे .....एक लड़की ने कहा मुझे .......जहां किशोर कुमार जी
गा रहे है वहां मुझे देखना है ....
मैं उस केबिन की तरफ ले गया जहां किशोर दादा रिहर्शल कर रहे थे
में उसे वहीं खडा कर के चला आया ............
थोड़ी देर बाद वह लड़की वापस आ गयी .....और कहने लगी ...........देख लिया अब चलते
हैं ....मैं कुछ समझा नहीं
हम लोग वापस आ रहे थे फिर से मैंने पूछा .......क्या हुआ देखा नहीं ..........?
वह लडकी कहने लगी किशोर जी बड़े वैसे हैं ........मैंने पूछा ....कैसे हैं ?
तब उसने मुझे बताया .............जब भी मैं किशोर जी तरफ देखूं ....वह मुझे आँख मार देते
मैं हंसने लगा .............अरे किशोर दा बहुत मजाकिया किस्म के हैं ...........
वह तुम्हे हंसाने के लिए यह सब कर रहे थे .....अपने आप को गाने के लिए मूड बना रहे थे
मैं तो दादा को जानता था .....दादा की छेड़खानी को ...............
पर दादा की यही सब बदमाशियां याद आती हैं .................आज किशोर दा का जन्म दिन है ,हर कोई उन्हें याद कर रहा है
एक घटना मुझे भी याद है ......दादा महबूब स्टूडियो में .......किसी
फिल्म की रेकॉर्डिंग कर रहे थे ............
मैं गुलज़ार साहब क़ा सहायक था .............कुछ लडकियां गुलज़ार
साहब से मिलने आयीं थी ......मुझे गुलज़ार साहब ने बुलाया और
कहा किशोर दा की रेकॉर्डिंग चल रही है महबूब स्टूडियो में इन लड़किओं
को ले के जाओ और रेकॉर्डिंग दिखला दो .............
वह दो लडकियाँ थी .......महबूब स्टूडियो पहुंचा किशोर दा आ चुके थे
दादा रिहर्शल कर रहे थे .....एक लड़की ने कहा मुझे .......जहां किशोर कुमार जी
गा रहे है वहां मुझे देखना है ....
मैं उस केबिन की तरफ ले गया जहां किशोर दादा रिहर्शल कर रहे थे
में उसे वहीं खडा कर के चला आया ............
थोड़ी देर बाद वह लड़की वापस आ गयी .....और कहने लगी ...........देख लिया अब चलते
हैं ....मैं कुछ समझा नहीं
हम लोग वापस आ रहे थे फिर से मैंने पूछा .......क्या हुआ देखा नहीं ..........?
वह लडकी कहने लगी किशोर जी बड़े वैसे हैं ........मैंने पूछा ....कैसे हैं ?
तब उसने मुझे बताया .............जब भी मैं किशोर जी तरफ देखूं ....वह मुझे आँख मार देते
मैं हंसने लगा .............अरे किशोर दा बहुत मजाकिया किस्म के हैं ...........
वह तुम्हे हंसाने के लिए यह सब कर रहे थे .....अपने आप को गाने के लिए मूड बना रहे थे
मैं तो दादा को जानता था .....दादा की छेड़खानी को ...............
पर दादा की यही सब बदमाशियां याद आती हैं .................

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