मुझे ......सब कुछ इस तरह याद है जैसे कल की बात है
चाह के भी भूल नहीं पाता हूँ ......... उसकी साँसे यूँ रुकी थी जैसे
मेरे आने क़ा इन्तजार था ...............
डाक्टर ने मुझे बताया ...यह इंसान ज़िंदा कैसे है ?
इनके शरीर क़ा कोई अंग काम नहीं कर रहा है बस एक सांस ही चल
रहीं है मैं जब उनके बेड के करीब पहुंचा ,उसकी आँखें बंद थी ,उसके शरीर
से एक अजीब किस्म की बदबू आ रही थी .....वहाँ रुकना मुश्किल हो रहा था
जैसे मैं चलने लगा ....उसने आँखे खोल के मेरी तरफ देखा ........जैसे मुझसे
कुछ मांग रहा हो ..........एक ख़त मेरे पास उसका था ...जो मैंने उसे कभी नहीं दिया था
जिसे वह अकसर माँगा करता था .......आज मैं लाया था उस ख़त को ,उसे देने के लिए
मैंने वह ख़त निकाल के ...उसके सीने पे रख दिया ..........शायद वह चिट्ठी उसने
देखी .....उसकी आँखे नाम हो गयी .........यह सब पास खडा डाक्टर देखता रहा ............
डाक्टर के साथ मैं उसके केविन में आ गया .........उसने मेरे लिए एक चाय मंगवाई
और पूछने लगा क्या रिश्ता है आप क़ा इनसे ......चाइल्ड हुड फ्रेंड सिप ........हम दोनों
बचपन के दोस्त हैं ..................
चाय आ चुकी थी ..........जापान से मुम्बई तक आने में चौबीस घंटे लग गये थे .....मुंबई में
इसके अलावा कोई दोस्त नहीं था ....होटल में ही ठहरा हुआ था ........
कमरे में तेजी से नर्स आयी .......और उसने बताया ....मरीज अब नहीं रहा .....मैं और डाक्टर
उस वार्ड में पहुंचे जहां वह था ........डाक्टर ने चेक किया और मुझसे कहा ......लगता है आप क़ा ही इसे इन्तजार था
............मेरी आँखे भर आयी ....वह चिट्ठी .....वहाँ नहीं थी .........बहुत खोजने के बाद भी नहीं
मिली ..........मुझे लगने लगा वह अपने साथ ले के चला गया .......
शाम को मैं अपने होटल पहुंचा ......मेरे साथ वह नवजवान डाक्टर भी था ..........
जिसने उसका ईलाज किया था .......एक बात डाक्टर ने मुझसे कही .....यह चिट्ठी अगर पहले कुछ रोज़ मिल
जाती .......तो यह इंसान जरुर बच जाता ...............
..........जिस रोज उस लड़की की शादी हुई थी ........जिससे यह प्यार करता था ....उस लड़की ने चिट्ठी
मुझे लिख के दी थी ........जिसमें उसने यह लिखा था वह मुझसे प्यार करती थी ....अगर मैं वह ख़त
इसे दे देता .......यह तो उसी दिन मर जाता .......
आज भी उसकी मौत यह चिट्ठी पढ़ के ही हुई है .................
डाक्टर मेरी बात से सहमत नहीं था ..........मेरी फ्लाईट क़ा टाइम हो रहा था ........डाक्टर को विदा किया
और वहाँ से चल दिया ................
तभी मेरी पत्नी का फोन आया .......मैंने उसे बताया .........उसका अंतिम संस्कार कर दिया ..........और तुम्हारी
वह चिट्ठी भी उसे दे दी .......जो तुमने उसके लिए लिखी थी .....................
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