गुरुवार, जून 11, 2009

चिंगारी

एक चिंगारी ,सूरज से निकली ,
पृथ्बी की तरफ़ , तेजी से भागी ,
और ग्रह वाले यह देख कर चुप थे ,
उन्हें मालूम मालूम था .......
पृथ्बी एक पल में राख हो जायेगी ,
और वो राख ,सारे ब्रह्माड में फ़ैल जायेगी ,
और ग्रह वाले शोक मनायेंगें ,
आपस में विचार -विमर्श करेंगे ,अब उन्हें क्या करना होगा ,
इसी सोच में .......डूबे रहे ,उन्हें अपने बचने का ,
क्या उपाय करना चाहिए ?
फ़िर एक चिंगारी ,सूर्य से निकली ,
पृथ्बी का अस्तित्व तो खत्म हो गया था ,
अब कौन ........ उसके सामने आएगा ,
और ग्रह वाले ,बडे चालाक थे ,
मिलकर चंद्रमा को आगे कर दिया ,
यह पृथ्बी का शुभचिंतक है ............

3 टिप्‍पणियां:

उम्मीद ने कहा…

पृथ्बी का अस्तित्व तो खत्म हो गया था ,
अब कौन ........ उसके सामने आएगा ,
और ग्रह वाले ,बडे चालाक थे ,
मिलकर चंद्रमा को आगे कर दिया ,
यह पृथ्बी का शुभचिंतक है ............
bhut theek likha aap ne

RAJNISH PARIHAR ने कहा…

बहुत खूब दुश्मनी निभाई ग्रहों ने...!अच्छी रचना...

Science Bloggers Association ने कहा…

नया विचार, नया तेवर। बधाई हो बधाई।

-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }