एक चिंगारी ,सूरज से निकली ,
पृथ्बी की तरफ़ , तेजी से भागी ,
और ग्रह वाले यह देख कर चुप थे ,
उन्हें मालूम मालूम था .......
पृथ्बी एक पल में राख हो जायेगी ,
और वो राख ,सारे ब्रह्माड में फ़ैल जायेगी ,
और ग्रह वाले शोक मनायेंगें ,
आपस में विचार -विमर्श करेंगे ,अब उन्हें क्या करना होगा ,
इसी सोच में .......डूबे रहे ,उन्हें अपने बचने का ,
क्या उपाय करना चाहिए ?
फ़िर एक चिंगारी ,सूर्य से निकली ,
पृथ्बी का अस्तित्व तो खत्म हो गया था ,
अब कौन ........ उसके सामने आएगा ,
और ग्रह वाले ,बडे चालाक थे ,
मिलकर चंद्रमा को आगे कर दिया ,
यह पृथ्बी का शुभचिंतक है ............
3 टिप्पणियां:
पृथ्बी का अस्तित्व तो खत्म हो गया था ,
अब कौन ........ उसके सामने आएगा ,
और ग्रह वाले ,बडे चालाक थे ,
मिलकर चंद्रमा को आगे कर दिया ,
यह पृथ्बी का शुभचिंतक है ............
bhut theek likha aap ne
बहुत खूब दुश्मनी निभाई ग्रहों ने...!अच्छी रचना...
नया विचार, नया तेवर। बधाई हो बधाई।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
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