सोच की बीमारी ,उसे हो गयी ,
अब दिन भर घर में पडा रहता ,
कल्पनाओं को बुनता रहता ,
मकडी की तरह ........,
इसके जाल में कोई नहीं फंसता ,
ख़ुद ही ख़ुद फंसता जाता ,
अब उसने काम करना बंद कर दिया ,
बस दिन भर एक ताजमहल को सोचता ,
उसको बनवाने की बात करता ,
आज के वक्त में ......,
एक फ्लैट की जगह तो मिलती नहीं ,
वो मुम्बई शहर में ताजमहल बनवाना चाहता है ,
जगह भी सरकार ने दे दी ,
जुहू से चार मील अन्दर समुन्द्र में ,
वहाँ तक आने -जाने की सडक ,
सरकार ने वादा किया है ,ख़ुद बनवा देगी ,
२०२२ में यह बन कर तैयार होगा ,
इसकी सारी आय --उसकी होगी ,रख -रखाव सरकार करेगी ,
बदले में फायदा ,एक चौथाई मिलेगा ,
सरकार खुश हो गयी ,बिल पास हो गया ,
एक और ताजमहल बनने का ,