शुक्रवार, अगस्त 28, 2009

९१ कोजी होम

नमकीन , फ़िल्म की शूटिंग की तैयारी हम सहायक आफिस
में बैठे कर रहे थे । पहले दिन की शूटिंग ,गाने की थी ,तीन
बहने रेखा ,शबाना ,चिंकी माँ के किरदार में वहीदा जी थी ।
घर का सेट ,पिछवाडे तीनों बहने मसाला कूट रहीं हैं । पहले
दिन की शूटिंग ठीक -ठाक से हो गई । गाने के बोल थे ,आकीं
चली ,बांकी चली ,दूसरे दिन समय से शूटिंग शुरू हुई ,दोपहर में
एक फ़िल्म का रिपोर्टर आया ,कुछ देर बाद शूटिंग रुक गई ,रेखा जी
सेट पर नहीं आ रहीं थी ,वजह इस खास रिपोर्टर को सेट से हटा दो ।
रेखा जी की कुछ नराजगी थी ,गुलजार साहब इस बात को नही माने ।
सब कुछ शांत हो गया ,तीसरे दिन शूटिंग शुरू हुई । रेखा जी का इंतजार
हो रहा था ,पर वो नहीं आई ,शूटिंग रुक गई । अब क्या हो गा ?
दो दिन बाद रेखा जी की जगह पर शर्मीला जी आ गई ,और फ़िर शूटिंग
शुरू हो गई ,और फ़िल्म पूरी हुई । बिल्कुल ऐसी ही घटना ,कोशिश फ़िल्म
में हुई थी । जया जी आई थी ,मौसमी की जगह पे । गुलज़ार साहब
कभी झुकते नहीं ।

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