शुक्रवार, सितंबर 25, 2009

९१ कोजी होम

मीरा फ़िल्म को बनते -बनते करीब तीन साल लग गए ,

हम लोग --बीकानेर में शूटिंग कर रहे थे ,वहाँ पुराने

महलों में शूटिंग करनी थी । मार्च का महिना था ,होली

आ गयी ,हम फ़िल्म वाले होली का मज़ा खूब लेते हैं

होली का दिन था ,शूटिंग नहीं थी ,हम सभी

यूनिट वाले लालगढ़ पैलेस जा पहुंचे ,जहाँ गुलज़ार ,हेमा

दिनेस ठाकुर ,गौरी कामत और कुछ कलाकार ठहरे थे ।

वहाँ होली की तैयारी पहले से थी , एक टेबल पे रंग रंग के
पेय रखे थे ,हम सभी ने खूब छक के पी । फ़िर रंग लगाने की बारी
आयी ,सब को लगाने के बाद ,चंदू ने मुझ से कहा "यार गौरी नज़र नही
आ रही है । किसी ने बताया वह अपने कमरे में है , मैं और चंदु जैसे
उसके कमरे की तरफ जाने लगे ,गुलज़ार साहब ने मेरा नाम ले कर बुलाया
"रामलाल कहाँ जा रहे हो ? हम दोनों ,वगैर सोचे समझे वापस भीड़ में जा मिले
गुलज़ार साहब की नज़र हमेसा हम लोगो पर रहती थी , इसीलिए हम जितने उनके
सहायक थे किसी की लव मैरिज नही हुई ... हम सहायक आज तक उनसे डरते हैं
वक्त के साथ चीजे बदल जाती हैं ...पर हमारा डर वैसा का वैसा है ।

फ़िल्म पूरी होते -होते तीन साल लग गए ,जब रिलीज़ हुई ,दर्शक
ने पसंद ही नही की .......प्रेम जी की दो फिल्में फ्लाप हो गई थी । एक तो मीरा
और दूसरी ईमान और धर्म जो जावेद साहब और सलमान के पिता ने लिखा था
एक शाम हम सभी सहायक एडिटिंग में थे ,गुलज़ार साहब ने मुझ से
पूछा तुम्हारी पत्नी कहाँ है मैंने उन्हें बताया वह लखनऊ गयी है ।
फ़िर कहने लगे ,बंगलौर में फ़िल्म फेस्टिबल हो रहा ,चलो देख कर
आते है । दुसरे दिन सुबह -सुबह गुलज़ार साहब ने अपनी कार ली और हम लोग चल
दिए ,यह मेरी पहली साऊथ की यात्रा थी ,दिन भर गुलज़ार साहब ने गाड़ी चलाई ।
हम लोग बेलगाम पहुंच गए । रात वहीं होटल में बिताया ,गुलज़ार साहब कब सोते हैं ?
जब भी मेरी आँख रात में खुली ,गुलज़ार साहब जग ही रहे थे ।
सुबह उन्होंने ही मुझे जगाया ,हम लोग तैयार हुए और चल दिए ,
बंगलौर हम लोग शाम में पहुंचे और वेस्ट एंड होटल में काटेज ली और दस दिनों तक
फिल्में देखी और फ़िर वापस मुम्बई आ गए ।


3 टिप्‍पणियां:

ओम आर्य ने कहा…

आपके संस्मरण के माधयम से गुलजार साहब को नजदिक से जानने का मौका मिल रहा है इसे ऐसे ही जारी रखे ...........इसके लिये बहुत बहुत आभार!

Udan Tashtari ने कहा…

अच्छा रहा आपका संस्मरण सुनना. गुलाजार साहब का अनुशासन अच्छा लगा. :)

अजय कुमार ने कहा…

खुद तो गुलजार साहब ने लव मैरिज किया लेकिन आप लोगों को कंट्रोल में रक्खा ,
ये अच्छी बात नहीं