शुक्रवार, अक्तूबर 23, 2009

कृष्ण

जिसका डर था वही हुआ ...,
उसी चोर की जीत हुई ......,
थानेदार सर ...jhukaa कर करने लगा सलाम ,
ईमानदार ....माला पहनाने ..........लगे
छतों पर खडी औरते ,
गुलाब की करने लगी बरसा ,
इसी भीड़ में ............,
एक पत्थर नेता जी के सर पे पडा ,
लहू -लुहान उनका सफेद कुरता हुआ ,
पुलिस वालों ने उस इलाके को घेर लिया ,
लगे बेकसूरों को पीटने .........,
हर घर का एक न एक जख्मी हुआ
नेता जी ऐलान कर दिया ....,
मेरे हर खून की बूंद का ...,
देना होगा हर किसी को हिसाब ...,
घर के जेवर बिकने लगा
पैसा इकठा हुआ ....दूसरी शाम ...,
नेता के घर सभी गए ...,
उनके खून का देने लगे हिसाब ....,
कुल मिला कर बीस बूंद खून गिरा था ,
बीस लाख इकठा हुआ ...,
नेता जी ने सर का जख्म दिखाया ...,
एक बच्चा माँ की गोद से ...,
उछल कर नेता के बगल जा बैठा ....,
नेता जी की लायसेंस वाली पिस्तौल उठा कर ॥,
लीडर पे तान दी ......,
डर के नेता जीने ...पायजामा गीला कर दिया ।,
बच्चा बोला ............
मैं मजाक कर नहीं रहा ....
तुम्हारा अंत आ गया ...
अब कलयुग में भी कृष्ण आने लगें है ।
पिस्तौल में भरी ....एक गोली चल दी ।
नेता जी का टोपी वाला सर ।
तरबूज जैसा फट गया .....
दुसरे पल -बच्चा माँ की गोद में ...
लगा फ़िर से खेलने ..........
पुलिस को तलाश है उस माँ और बच्चे की ,
किसी मुखबिर ने ......गोकुल का पता बताया ,

कोई टिप्पणी नहीं: