बारह या तेरह साल की उम्र में ,मेरा हाथ कोहनी से ,
टूट गया था । तब मसाज से हाथ को बिठाया जाता था
.........मसाज से जो दर्द होता था ....उस दर्द को मैं आज
भी महसूस करता हूँ ......मेरा बदन दर्द से आज भी सिहर जाता हूँ
ओ चीखना चिल्लाना आज भी मेरे अन्दर इस तरह बसा हुआ है
जिसको शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है
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