गुरुवार, फ़रवरी 09, 2012

चंद्रमुखी (४)

यह सुन के ....मैं डर गया ,............अपने आप से कहा ,किस जंजाल में फंस रहे हो ,
भाग लो यहाँ से ...........हमारे बीच .......एक खामोशी छाई रही ....मैं कुछ बोलू .....
इस से पहले वो उठ कर जाने लगी ...फिर मेरे पास आयी और कहने लगी मेरे साथ कमरे
में चलिए ..........फिर मैं डर गया ,मर्द था ........फिर भी ,जैसे वह मुझे दो गाली देना
चाहती हो ....कैसे भी.......मैं उसके साथ उसके कमरे की तरफ चल दिया ............

दरवाजा खुला हुआ था .....वह आदमी वगैर कपड़ों के बिस्तर पर पड़ा हुआ था
मैं भी कमरे के अन्दर पहुंचा .....इस लड़की ने अपने कपडे समेटे और कमरे से बाहर आ गयी
मैं भी उसके साथ .....आया ,कहने लगी मुझे एक टैक्सी करा दीजिये ......मैं उसके साथ बाजार
में आया चारो तरफ एक सन्नाटा विखरा हुआ था .......इस वक्त टैक्सी मिलना नामुमकिन था
फिर भी ... हम दोनों टैक्सी स्टैंड तक आये .....बहुत सारी टैक्सियाँ खडी थी ........
इधर उधर देखते हुए ....एक टैक्सी वाला खुद ही जाग गया .....और हम से पूछने लगा
कहाँ जाना है साहब ? मैंने उसकी तरफ देखा ....फट से बोल पड़ी वह ....दिल्ली ......
टैक्सी वाला कहने लगा ,अम्बाला तक छोड़ सकता हूँ ...आगे क़ा आप खुद देख लेना .......ठीक है
जल्दी से बोल पड़ी ......और टैक्सी में बैठ गयी .......उसका घबराया हुआ चेहरा देख के बोला टैक्सी
वाला कोई गमी हो गयी है क्या ?......

यह सुन के मैंने समझाया इनकी माँ नहीं ......समझ गया आप ठीक से बैठ जायं ...मैं मुह धो के आता हूँ
मैं खामोश खडा उसको देखता रहा ......
थोड़ी देर बाद टैक्सी क़ा ड्राइवर आया और चल दिया ........उसको ले के ....
मैं वहाँ से धीरे -धीरे होटल आ गया ......मेरा कमरा खुला हुआ था पत्नी अभी भी सो रही थी ...........
विस्तार पर मैं लेट तो गया पर आँखों में नीद नहीं थी ........ऐसा लग रहा था ....पुलिस आयेगी और मुझे
पकड के ले जायेगी ...........
सुबह होते ही मैंने .....पत्नी से कहा ....हम लोग यहाँ से शिमला चलते हैं ........
यह सुन के .....कहने लगी क्या हुआ आप को .....इतनी जल्दी जाने की बात ...क्यों कर रहें है
अपने आप को सभालते हुए .कहा ....तुम्हे यह जगह अच्छी नहीं लगी ना .....इसी लिए हम लोग शिमला चलते हैं ..............

पत्नी ने मुस्करा के मेरी तरफ देखा ....रात मैं जल्दी सो गयी थी इस लिए ............क्या करती आप
कहीं और खोये रहते हैं .....आप क़ा पूरा उत्साह ख़तम हो गया यहाँ आ के
इसीलिए तो कह रहा हूँ शिमला चलते हैं ......मेरा खिला हुआ चेहरा देख के वह तैयार हो गयी ।

हम होटल से बाहर आये ...डर लग रहा था कहीं कोई पुलिस वाला हमें रोक ना ले ....... ......और टैक्सी स्टैंड पे आ गये ......मुझे मालुम था ...उस आदमी के मरने की खबर
दोपहर के बाद पता चलेगी .......जब साफ़ -सफाई वाला आयेगा ......तब तक हम लोग शिमला
में होगें ..........यह बात पत्नी को बताना ठीक नहीं लग रहा था ....लेकिन जब पुलिस पकड लेगी तब
तो पुलिस को कहना ही पड़ेगा .....सब कुछ .....

यह सब डर लिए हुए ...हम टैक्सी स्टैंड पे पहुंचे .....टैक्सी की और शिमला की तरफ चल दिया
रास्ते में चेक नाका लगा हुआ था .......वहीं पता चला ...एक आदमी क़ा क़त्ल हो गया ....किसी ......
वेश्या ने किया है ....उसे ही पुलिस खोज रही है ......
मुझे लगा अब मैं फंस गया .......अब नहीं बच सकता हूँ ...................
टैक्सी खडी हुई चेक नाके पे पुलिस वाले ने हमें ध्यान से देखा ...मेरी पत्नी को कुछ ज्यादा ही घूर के देखा
और फिर जाने को कहा .............

रास्ते भर टैक्सी वाला हमें समझाता रहा क्या जमाना आ गया है साहब .......किसी को जानना बहुत
ही मुश्किल होता है .....वो है कौन ?मिया -वीबी हैं या कोई और ....आप साहब कहाँ से आये है ....
मुम्बई से .......वहाँ से लोग नहीं आते यह सब दिल्ली वाले गंद फैलाए हैं ...........


...........(आगे )

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