शनिवार, दिसंबर 22, 2012

नपुंसक


            नपुंसक

मौत बहुत आसान है ,उस कसाई को उसे मार ही डालना था नर्क भोगने के
लिए क्यों छोड़ दिया ..............उसका नाम दामनी था वह देहरादून की थी
आज भी  यही कह रही है .....मैं जीना चाहती हूँ ......
उसके शरीर में एक अंत नहीं है ...........
यह सब सुन कर कई रातों से सो नहीं पा रहा हूँ .............

कौन थी वह मेरी मुझे नहीं मालूम .......पर इतना दर्द कैसे वह दे गयी .......
कई लोगों के इन्टर -ब्यू सुने डाक्टर मिश्र का इंटरव्यू सुन एक झटका लगा
उन्होंने चलते -चलते कहा दो दिन छुट्टी के हैं आप सभी लोग आराम करे
मंडे को मिलते हैं तब एक मेडिकल रिपोर्ट आप सभी लोगो को मिलेगी
                 कितनी आसानी से यह सब कह गये .............

मैं तो  दुआ मांगता हूँ वह मर ही जाये वह बहुत  सुख दाई होगा ,वरना लोग आपनी
रोटियाँ  सेकने लगे गें  उसके नाम पे ,,,,,,,,,,,,,,,,कौन सी पार्टी सबसे आगे
होगी यह तो वक्त ही बतायेगा
 

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