दो माएँ
रीता ने एक ही शर्त पे शादी की थी .......की उसकी माँ उनके साथ ही रहेगी .....
हरपाल को कोई ऐतराज नहीं था .......पराये शहर में एक माँ का मिल जाना
......बस कमाल की बात है ,दोनों मियाँ -वीबी नौकरी करते थे ...घर पे सास रहती थी
कुछ सालो में दो बच्चे हो गये ......जिन्दगी बड़ी खुशनुमा बीत रही थी .......
हरपाल की माँ कभी साल दो साल में बेटे से मिलने आ जाती थी ,वह महीना
भर रहना बहु और सास को बिलकुल अच्छा नहीं लगता था ...बच्चे अपनी दादी से मिल के
बहुत खुश होते थे ......दादी भी उन्हें बहुत प्यार करती थी ....बहु यही हमेशा सोचती रहती
कब सास यहाँ से अपने घर चली जाय ...........पर इस बार ऐसा नहीं हुआ ..........
बच्चों ने पापा से कहा .......पापा दादी को यहीं रख लो ना ......हमें दादी बहुत अच्छी लगती है ,नानी तो रहती हैं वैसे ही दादी भी रहेगी ! हरपाल को बच्चों के मुहं से यह सुन के बहुत अच्छा
लगा ............और उसने माँ से कहा .........माई तू अब यहाँ से नहीं जाएगी .....यहीं रहेगी ..........
यह सुन के माँ को झटका लगा ,माँ ने बहाना किया ,बेटा उस शहर से बहुत सारी यादे जुडी हैं
यहाँ तेरा परिवार है .....मैं .............
हरपाल ने कहा ....नहीं माँ अब तू यहीं रहेगी .....देहरादून में है कौन ? बोल .....माँ के पास चुप
रहने के अलावा कोई रास्ता नहीं था ...
रात को हरपाल और रीता में खूब झगडा हुआ ........इस बात को ले के ..........माँ ने यह सब
सुना ....वह समझ गयी मेरा .......रहना ठीक नहीं .....और माँ रात को ही घर छोड़ के कहीं चली गयी
सुबह हरपाल माँ को ना पा के बहुत चिंतित हो गया .......माँ को खोजने के लिए घर से निकल पडा
उसे मालूम था ,रात का झगडा सुन के ही माँ ने घर छोड़ दिया
माँ हरपाल को नहीं मिली ......साल बीत गया ,पर माँ नहीं मिली ....कहाँ गयी वो ,किसी को नहीं मालूम ...........माँ बेटे की ख़ुशी के लिए घर छोड़ गयी और एक माँ बेटी का घर बसाने के लिए
बेटी के पास रह गयी ...................
रीता ने एक ही शर्त पे शादी की थी .......की उसकी माँ उनके साथ ही रहेगी .....
हरपाल को कोई ऐतराज नहीं था .......पराये शहर में एक माँ का मिल जाना
......बस कमाल की बात है ,दोनों मियाँ -वीबी नौकरी करते थे ...घर पे सास रहती थी
कुछ सालो में दो बच्चे हो गये ......जिन्दगी बड़ी खुशनुमा बीत रही थी .......
हरपाल की माँ कभी साल दो साल में बेटे से मिलने आ जाती थी ,वह महीना
भर रहना बहु और सास को बिलकुल अच्छा नहीं लगता था ...बच्चे अपनी दादी से मिल के
बहुत खुश होते थे ......दादी भी उन्हें बहुत प्यार करती थी ....बहु यही हमेशा सोचती रहती
कब सास यहाँ से अपने घर चली जाय ...........पर इस बार ऐसा नहीं हुआ ..........
बच्चों ने पापा से कहा .......पापा दादी को यहीं रख लो ना ......हमें दादी बहुत अच्छी लगती है ,नानी तो रहती हैं वैसे ही दादी भी रहेगी ! हरपाल को बच्चों के मुहं से यह सुन के बहुत अच्छा
लगा ............और उसने माँ से कहा .........माई तू अब यहाँ से नहीं जाएगी .....यहीं रहेगी ..........
यह सुन के माँ को झटका लगा ,माँ ने बहाना किया ,बेटा उस शहर से बहुत सारी यादे जुडी हैं
यहाँ तेरा परिवार है .....मैं .............
हरपाल ने कहा ....नहीं माँ अब तू यहीं रहेगी .....देहरादून में है कौन ? बोल .....माँ के पास चुप
रहने के अलावा कोई रास्ता नहीं था ...
रात को हरपाल और रीता में खूब झगडा हुआ ........इस बात को ले के ..........माँ ने यह सब
सुना ....वह समझ गयी मेरा .......रहना ठीक नहीं .....और माँ रात को ही घर छोड़ के कहीं चली गयी
सुबह हरपाल माँ को ना पा के बहुत चिंतित हो गया .......माँ को खोजने के लिए घर से निकल पडा
उसे मालूम था ,रात का झगडा सुन के ही माँ ने घर छोड़ दिया
माँ हरपाल को नहीं मिली ......साल बीत गया ,पर माँ नहीं मिली ....कहाँ गयी वो ,किसी को नहीं मालूम ...........माँ बेटे की ख़ुशी के लिए घर छोड़ गयी और एक माँ बेटी का घर बसाने के लिए
बेटी के पास रह गयी ...................
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