परतें
कुछ यादें ,वह होती हैं जिनका हमारी जिन्दगी में कोई माने नहीं होता
....पर जिन्दगी में क्यों घटित हुई .....आज पचास साल बाद वह घटना समझ
में आती है .......उस कच्ची उम्र में वह कहानी क्यों लिखना चाहता था ,
मेरे दोस्त की बुआ एक जोगी के साथ भाग गयी थी ......इस सदमें को मेरे दोस्त
के पिता बर्दास्त नहीं कर पाए और उनकी मौत हो गयी .....दादा जी ने मेरे दोस्त
को पाला ......सत्रह साल की उम्र में उसकी शादी हो गयी ...और एक साल बाद उनकी
भी मौत हो गयी ......अब वह इस दुनिया में अकेला रह गया घर में एक माँ और एक वीवी
रह गयी ..........
पढाई सिर्फ बारह क्लास तक .....कंधे पे इतना सारा बोझ ....इसी दौर एक बेटी भी हो गयी
कुछ यादें ,वह होती हैं जिनका हमारी जिन्दगी में कोई माने नहीं होता
....पर जिन्दगी में क्यों घटित हुई .....आज पचास साल बाद वह घटना समझ
में आती है .......उस कच्ची उम्र में वह कहानी क्यों लिखना चाहता था ,
मेरे दोस्त की बुआ एक जोगी के साथ भाग गयी थी ......इस सदमें को मेरे दोस्त
के पिता बर्दास्त नहीं कर पाए और उनकी मौत हो गयी .....दादा जी ने मेरे दोस्त
को पाला ......सत्रह साल की उम्र में उसकी शादी हो गयी ...और एक साल बाद उनकी
भी मौत हो गयी ......अब वह इस दुनिया में अकेला रह गया घर में एक माँ और एक वीवी
रह गयी ..........
पढाई सिर्फ बारह क्लास तक .....कंधे पे इतना सारा बोझ ....इसी दौर एक बेटी भी हो गयी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें