सब कि जबान एक तरह कि नहीं होती है ,
उनके मुहँ से हमेसा अपशब्द ही निकलते है
इस तरह कर के ,वह अपने आप को हिटलर समझती है
उस दिन कि बात है खुद ही अपने बेटे को माँ -बहन देती रही
यह सुन बेटा माँ से बोला माँ आप हैं क्या ?
माँ कि आँखों में एक शक उभरा ,यह जबान
मेरी मर्दों कि कैसे हो गयी ,…………।
उनके मुहँ से हमेसा अपशब्द ही निकलते है
इस तरह कर के ,वह अपने आप को हिटलर समझती है
उस दिन कि बात है खुद ही अपने बेटे को माँ -बहन देती रही
यह सुन बेटा माँ से बोला माँ आप हैं क्या ?
माँ कि आँखों में एक शक उभरा ,यह जबान
मेरी मर्दों कि कैसे हो गयी ,…………।
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