भंगार By Ram Lakhan Mishra
सोमवार, मार्च 31, 2014
सब कुछ ,एक जैसा है ,जब सब कुछ समान्य होता है
ध्यान से देखने पे उसका रंग बिलकुल काला है
वह हमेसा से यही चाहता था
आज उसकी मुराद -पूरी हुई
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