एक कहानी लिखी उसने ,
उसके हर पन्ने पे ,
जिक्र मेरा आता ,
मुझे याद करती ,
दोगला कह के मुझे बुलाती ,
पढ़ के ,उसकी इश्क की किताब को ,
हर लाइन में ,वो मुझे गिन गिन गाली देती ,
पर उसका प्यार उसमें कहीं छिपा होता ,
साल दर साल ,एक किताब लिखती ,
अधूरे प्यार का जिक्र होता ,
धोखे बाज़ का किरदार मेरा होता ,
कहानी एक कम शिन लडकी की होती ,
जिसको मैंने धोका दिया होता है ,
अब वो नामचीन लेखिका बन चुकी है ,
कई पुरस्कार मिल चुके है ,
आज भी वो अकेली है ,
उसकी सोच पे लोग एतबार करने लगे हैं ,
जो वो कहती है या लिखती है ,
उसकी अपनी कहाni लगती ,
उसके नायक का नाम उससे puchte ,
वो मेरा नाम भूल चुकी थी ,
उसे कुछ याद है .....,
सिर्फ़ apnaa नाम ,जिसे वो बहुत प्यार करने लगी है ,
1 टिप्पणी:
बहुत खफा है उस से। यही तो प्यार है।
रक्षाबंधन पर शुभकामनाएँ! विश्व-भ्रातृत्व विजयी हो!
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