मुझे ,कुछ अर्से से यह लगने लगा ,अपने फ्लॉप होने की वजहों का पता करूँ ,
मैं गुलज़ार साहब का सहायक बना, बतौर सहायक निर्देशक ,फिल्म थी अचानक
यह गुलज़ार साहब की तीसरी फिल्म बतौर निर्देशक थी ……………। क्या सीखा
क्या नहीं सीखा ,एक उम्र गुज़ार दी उनके साथ ,उन फिल्मों के नाम गिना देता हूँ
जिनमें मैं उनका सहायक रहा . . फिल्म अचानक ,खुश्बू ,मौसम ,आंधी ,मीरा ,किनारा
किताब ,अंगूर ,लिबास (अब मैं मुख्य सहायक था ) नमकीन ,हु तू तु ............११ फिल्मे .
मैंने कुछ फिल्मे की जिनके नाम है ,नागफनी ,ऐ मेरी बेखुदी ,बेलगाम ,थारी -म्हरी
कुछ सीरियल्स हैं ,किस्सा शांति का , वाह मजा आ गया , देहलीज एक मर्यादा
अब आप लोगो को कुछ सूझता हो तो कहें ?
1 टिप्पणी:
Sir please Pancham aur Gulzaar sahab ki dosti ke baare men kuch liken. Aur ye bhi ki ap kya sochte hain pancham ke bare men.
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