शनिवार, अक्तूबर 01, 2022

पुष्पक 2

कब ट्रेन भोपाल पहुंची पता ही नहीं चला । कंपार्टमेंट में बहुत शोर हो रहा था, आंख खुली वह नारी बैठी हुई खामोशी से मेरी तरफ देख रही थी। उसने मुझसे पूछा, भैया आप मुंबई जा रहे हैं ? मैंने कहा हाँ मुंबई जा रहा हूं, फिर वह धीरे से कहने लगी मेरे पति अभी तक आए नहीं, काफी  वक्त हो चुका है। वह कहीं खो तो नहीं गए हैं? मैं उसकी तरफ खामोशी से चुपचाप देखने लगा ,कुछ तलाश करने लगा उसे समझाने के लिए। कैसे इस आदमी के साथ आ गई, जिसको इतनी फिक्र नही कि उसकी पत्नी को साथ लेकर जा रही है। कुछ विचार करने के बाद तभी ट्रेन में चाय बेचने वाला आ गया , मैंने  उसे एक चाय दी और खुद भी एक चाय ली, बहुत सोचने के बाद यह महसूस किया । यह लड़की कहीं अनजाने में ,इस ठग आदमी के साथ झूठ मुठ की शादी करके , इसके साथ चली तो नहीं आई  ? फिर उस औरत की तरफ देखता हुआ , मैंने पूछा , एक बात बताना तुम इस आदमी को कब से जानती हो ? उसने शर्मा के कहा मैंने जाना कहां, अभी 2 दिन पहले शादी की और इनके साथ चली आई मुंबई की तरफ, अब आप ही बताइए अगर वह नहीं आएंगे तो मैं कहां जाऊंगी ? मैं कुछ पल सोचने लगा , मैंने कहा मैं तुमको कुछ पैसे दे देता हूं, तुम यही भोपाल स्टेशन पर उतर जाओ और दूसरा टिकट लेकर अकबरपुर चली जाओ जहां कि तुम रहने वाली हो । उसने मेरी तरफ देखते हुए कहा ,वह आ गए तो ? यह सुनकर ,मैं   ध्यान से उसके चेहरे को देखने लगा, बहुत सोच समझ के पूछा ? कहीं तुम इसके साथ भागकर तो नहीं जा रही हो ? उसने अपना मुंह छुपा कर कहा । यह क्या पूछते हैं भैया , मेरी इनके साथ शादी हुई है और मैं उनकी पत्नी हूं, मैं कैसे इनके साथ ? मैं कुछ पल सोचने लगा और फिर उसको समझाने की कोशिश की ।देखो अब तुम्हारे पास कोई और रास्ता नहीं है, ना तुम मुंबई में किसी को जानती हो । इससे अच्छा तुम अपने घर अपने गांव चली जाओ , वहां तुम्हारे मां-बाप हैं, भाई बहन हैं । उसके बाद तुम अपने पति की तलाश कर लेना । कुछ सोचने के बाद उसने मुझे जवाब दिया । देखिए भाई अब मैं अपने गांव नहीं जाने वाली ,वहां जाकर मैं क्या मुंह दिखाऊंगी  ? कि मैं उनको छोड़ कर आ गई हूं  । मैं मुंबई जाऊंगी और वहां उनकी तलाश करूंगी  हो सकता है कहीं ना कहीं तो ट्रेन में बैठे ही होंगे ऐसा तो है नहीं मुझे छोड़ कर चले गए हैं । और जाना ही था तो शादी क्यों की थी मुझसे, आप मुझे कुछ दिनों के लिए अपने घर में जगह दे दे तो अच्छा रहेगा  । मैं उनको खोज लूंगी, कैसे भी करके खोज लगीं, बस इतनी सी मेहरबानी मुझ पर करें कि मैं उनको खोज सकूं ,इतना सुन्दर कर मुझे बहुत अच्छा लगा ,समझदार है ।खामोशी से चुपचाप कुछ जवाब ना दे कर बाथरूम की तरफ चला गया ।

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