बुधवार, फ़रवरी 28, 2018

वह मेरे लिए ,बिल्कुल अज़नबी ही था। पर वह हॉकी बहुत अच्छी

  वह मेरे लिए ,बिल्कुल अज़नबी ही था। पर वह हॉकी बहुत अच्छी 

खेलता था।  मेरा छोटा प्रा भी उदेय नाल खेल्दा सी , पर वह हिन्दू था। हिन्दू -मुस्लिम दो इस तरह की जातियाँ हैं 
जिनमें हमेसा दुश्मनी रहती है। जैसे सगे भाइयों में   दुश्मनी हो जाती है , हो सकता है. हम शादिओं पहले भाई  हों  और फिर आपस में झगड़ के अलग हो गए हों।  पर  हम में मोहब्बत भी खूब होती है ,जब हम कभी मिल जाते हैं। सच कहूँ पर डर डर लगता है। 
 
          असल -बात कुछ और है ,मुझे उससे इश्क हो गया था ,उस समय मेरी उम्र कोई तेरह बरस की थी ,सात भाईओं की सबसे छोटी बहन , घर मे मेरी  हर मुराद पूरी होती थी। मैं अपने छोटे होने का भर -पूर फायदा लेती थी। बस एक दिन मैंने अब्बू से कह दिया ,   अब्बू मुझे गुलज़ार से निक़ाह करना है। यह सुन के अब्बू की आँखे कबूतर जैसी हो गयी। और कहने लगे बेटी निम्मो वह हिन्दू है। तो क्या हुआ  ? बेटी हिन्दू -मुसलमान की आपस में शादी नहीं होती है।  अब्बू  आप उसे मुसलमान बना लीजिये। 

         जब मैं और अब्बू बात करते है तब अम्मी जरूर आ जाती है।   क्या बात हो रही बाप  बेटी में ?,सुनती हो अभी यह  क्या कह रही है ,क्या बोलती है  गुलज़ार नाल ब्याह करना है ? पागल  हो  गयी है खसमखानिये। क्या  और कहती है जानती है ? कहती है  मुसलमान बना दे उसे  ,और अब्बू जोर से हंस दिए।  पर यह हो  सकता है ,मैंने सुना  है।  जिन्ना साहब मुसलमानो के लिए अलग मुल्क मांग रहे हैं। बस क्या है लाहौर मुसलमानो  का होगा ,गुलज़ार को यहीं रोक लेंगे और वह  बस  मुसलमान हो  गया। 

          बड़ी गन्दी  सोच है आप की हमारी कौम में लड़के मर गए हैं. क्या ?बड़बड़ाती   हुई घर के अंदर चली गयी। 

           सत्तर साल बाद गुलज़ार और निम्मो का ब्याह हुआ तो जरूर।  लेकिन निम्मो हिन्दू बन गयी और गुलज़ार अपने परिवार के साथ पकिस्तान से भाग के लखनऊ में बस गया रेलवे में नौकरी मिल गयी वजह हॉकी थी ,रेलवे कालोनी में रहने की जगह मिल गयी। 


           निम्मों को सात बेटे हुए ,सातो के नाम सबसे बड़ा ,अख़्तर ,दुसरा मुस्ताक फिर नादिर चौथा शलिम फिर निशात कादिर और सबसे छोटा रामचंद्र ,मोहल्ले में इस राज को कोई नहीं समझ पाया।  निम्मों हिन्दू गुलज़ार 
सरदार हिन्दू। 

            सच्चाई क्या है किसी को नहीं मालुम  ना ही निम्मो ने  किसी  बताया।  एक दिन पुलिस  आयी और निम्मो और गुलज़ार  पकड़  गयी। भरा -पूरा परिवार  चंद्र को छोड़ के सब शादी - शुदा है 


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